चलो अब आ गया है फाल्गुन सर्दी हो रही है धीरे-धीरे गुम ऊनी पहनें तो गर्मी लगे ना पहने जुकाम लगे जाती सर्दी बड़ी बेरहम ढा रही है सब पर सितम बहती नाक, छिलता गला भूला रही अगला-पिछला रख मुंह रूमाल कोई खांसे समझो चिकित्सक के चला।। ©Mohan Sardarshahari चिकित्सक के चला