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अनवरत मेहनत करता मजदूर फिर भी है लाचार और मजबूर रे

अनवरत मेहनत करता मजदूर
फिर भी है लाचार और मजबूर
रेल, सड़क, बड़े बड़े भवन
बनाने में खपाता अपना बदन
फिर भी रहता खस्ताहाल
किस की है यह कुटिल चाल
शोषित मानव, शोषक भी मानव
मानो जगत में राज करते दानव

©Kamlesh Kandpal
  #majdoor