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मैं दीवानी तेरी बातों की, बस तुझमें खोई रहती हूँ।

मैं दीवानी तेरी बातों की,
बस तुझमें खोई रहती हूँ।

खुद की न कोई ख़ैर-ख़बर,
बस ख़्वाब संजोई रहती हूँ।

रहती हूँ मदहोश मैं अक्सर,
ना जाने किन ख्यालों में।

बसाकर तुझे अपनी यादों में,
बस तुझमें सोई रहती हूँ।

तुझको अपना प्रीत है माना,
तू ही अब मेरी रहगुजर है।

तुझ संग जीवन जीने की,
बस आस लगाई रहती हूँ। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1024 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
मैं दीवानी तेरी बातों की,
बस तुझमें खोई रहती हूँ।

खुद की न कोई ख़ैर-ख़बर,
बस ख़्वाब संजोई रहती हूँ।

रहती हूँ मदहोश मैं अक्सर,
ना जाने किन ख्यालों में।

बसाकर तुझे अपनी यादों में,
बस तुझमें सोई रहती हूँ।

तुझको अपना प्रीत है माना,
तू ही अब मेरी रहगुजर है।

तुझ संग जीवन जीने की,
बस आस लगाई रहती हूँ। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1024 #collabwithकोराकाग़ज़

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