Nojoto: Largest Storytelling Platform

आदर्श नागरिक नम्र विनम्र हृदय जिसका व्यवहार प्रेम

आदर्श नागरिक

नम्र विनम्र हृदय जिसका व्यवहार प्रेम का मूलक है।
जो राग,द्वेष से दूर रहे विधि,विज्ञान,ज्ञान संपूरक है।
निज अधिकारों की ख़ातिर ना दूजे का अपमान करे!
कर्तव्य बोध भी उसके उर सबकी उन्नति का पूरक है।


"अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व" का
भलीभाँति निर्वहन किया जाए तो
आपके अधिकार आपको सुख देंगे। #पाठकपुराण की ओर से सुप्रभातम साथियो #आदर्श_नागरिक के लिए चार पंक्तियाँ लिखी है। क्योंकि मुझे तो लगता है कि एक बेहतरीन नागरिक और इंसान के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ दो शब्दों को आत्मसात करने की ज़रूरत है.....😊

"अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व" का भलीभाँति निर्वहन किया जाए तो आपके अधिकार आपको सुख देंगे।

वर्तमान में सारी जंग अधिकारों की है अधिकतर को लगता है कि उनके हक़ का जितना मिलना चाहिए उन्हें नही मिला।
भ्रष्टाचार भी इसी महत्वाकांक्षी मनोवृत्ति की देन है। एक बात और है जो ये कि आपराधिक मानसिकता में बढ़ोतरी हुई है। देश में घरेलू हिंसा से लेकर "मीडिया" सोशल नेटवर्किंग साइट्स या इंटरनेट ने ऑनलाइन हिंसा को जन्म दिया है यह प्रथमद्रष्टि में तो मानसिक स्तर की होती है किंतु होती जघन्य है।
ख़ैर यह मेरे अपने निजी विचार है।
आप सभी का स्वागत है बस #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा को दूर करने के सार्थक उपाय हों तो ही देश को पुनः सत्य, अहिंसा, जैसे व्रतों को नई पीढ़ी को समझा पाएंगे।
आदर्श नागरिक

नम्र विनम्र हृदय जिसका व्यवहार प्रेम का मूलक है।
जो राग,द्वेष से दूर रहे विधि,विज्ञान,ज्ञान संपूरक है।
निज अधिकारों की ख़ातिर ना दूजे का अपमान करे!
कर्तव्य बोध भी उसके उर सबकी उन्नति का पूरक है।


"अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व" का
भलीभाँति निर्वहन किया जाए तो
आपके अधिकार आपको सुख देंगे। #पाठकपुराण की ओर से सुप्रभातम साथियो #आदर्श_नागरिक के लिए चार पंक्तियाँ लिखी है। क्योंकि मुझे तो लगता है कि एक बेहतरीन नागरिक और इंसान के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ दो शब्दों को आत्मसात करने की ज़रूरत है.....😊

"अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व" का भलीभाँति निर्वहन किया जाए तो आपके अधिकार आपको सुख देंगे।

वर्तमान में सारी जंग अधिकारों की है अधिकतर को लगता है कि उनके हक़ का जितना मिलना चाहिए उन्हें नही मिला।
भ्रष्टाचार भी इसी महत्वाकांक्षी मनोवृत्ति की देन है। एक बात और है जो ये कि आपराधिक मानसिकता में बढ़ोतरी हुई है। देश में घरेलू हिंसा से लेकर "मीडिया" सोशल नेटवर्किंग साइट्स या इंटरनेट ने ऑनलाइन हिंसा को जन्म दिया है यह प्रथमद्रष्टि में तो मानसिक स्तर की होती है किंतु होती जघन्य है।
ख़ैर यह मेरे अपने निजी विचार है।
आप सभी का स्वागत है बस #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा को दूर करने के सार्थक उपाय हों तो ही देश को पुनः सत्य, अहिंसा, जैसे व्रतों को नई पीढ़ी को समझा पाएंगे।