The story is 300 के लगभग कहानियां और 14 बड़े उपन्यास गोदान, गबन, बाजार-ए-हुस्न, सेवा सदन, कर्मभूमि, कायाकल्प, मनोरमा, निर्मला, प्रतिज्ञा, रंगभूमि, कर्बला, पूस की रात आदि रचनाओं के रचनाकार मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन पर उन्हें नमन..... हिंदी का विराट आसमान था चहक उठा, भर गए ऐसी हैं उड़ान मुंशी प्रेमचंद। हिंदी की समृद्धि हेतु अपना अमूल्य वक्त, करके चले गए हैं दान मुंशी प्रेमचंद। जीवित किया था उपन्यास की परंपरा को, लिख गये गबन, गोदान मुंशी प्रेमचंद। योगदान जो दिया था उसके लिए कहें तो, हिंदी के लिए थे वरदान मुंशी प्रेमचंद।।