धंधकती आग हूँ पर मुझे जलना नहीं आता लोगों के इशारों पर मुझे चलना नहीं आता बहुत दू~~र से लौट आया है परिंदा आज भी जिंदा सभी लोगों के अनुरूप मुझे ढलना नहीं आता मेरी विलक्षणता