कभी तुमसे मिलना ही बस एक काम होता था .... जब मेरे मन को जैसे आराम होता था .... बेमतलब की बातों में बीतते थे कितने घंटे उसका ना कोई हिसाब होता था..... काम का बहाना बना कर हम मिला करते थे ... एक दिन का काम चार दिन में किया करते थे .... एक दूसरे की बातों में एक दूसरे को टटोलते रहते थे .... एक दूसरे के मन में अपनी अपनी जगह बनाने लगे थे..... कभी कभी कहते कहते हम रुक जाते थे .... कभी कभी थोड़ा हम जब घबराते थे.... मेरे पीठपर हाथ रखकर तुमने ही ये एहसास दिलाया था, साथ है तुम्हारा ये बात बिना कहे भी तुमने हमेशा बताया था.... मुझे याद है जब तुम रोक लेते थे खुद को मुझसे मिलाने में, हम मन ही मन थोड़ा नाराज तुमसे हो जाते थे .... पर वक्त का इंतजार भी तो हम करना जानते थे .... तुम्हारी मासूम सी मुस्कान में हम हमेशा तुम सच में खुश हो या नहीं ये देख पाते थे .... तुम्हारी आंखों में इतनी सच्चाई थी, जिसे देख हम तुम्हारे भोलेपन से रूबरू हो जाते थे..... मेरी खामोशी में तुम मुझे बोल देने को कहकर मुझे कितना हल्का महसूस करवा देते थे.... अब तो सपना हो गया तुमसे मिलना .... और कहा तुमसे मिलने के लिए हम वक्त से पहले ही वहा पहुंच जाते थे जहां अब अंत में दरवाजे पर सबको हम नज़र आते हैं.... सपना हो गया तुमसे मिलना... #साथी #mywritingmywords #seemuneha #तुमसेमिलना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi