अब भी न समझे तो तय है ये नेता हमारी संस्कृतियों को बेच खाएंगे धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमारी ही आस्थाओं का जुलूस निकलवाएंगे अब भी न चेते तो हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के रास्ते में सिर्फ कांटे बिछाएंगे हमारे बच्चे हमारी कायरता का मूल्य अपनी जिंदगी से चुकाएंगे और दो हजार साल अंधेरे का फिर से हम अपने अन्यथा सुनहरे भविष्य को सौंप जाएंगे याद रहे, सिकंदर हारा था यहां , उसे जीता बताते हैं जिन्ना की कारस्तानी सावरकर पर चढ़ाते हैं हरि सिंह की रियासत से सिखों, पंडितों को भगाते हैं श्री राम पर ही सवाल उठाते हैं हजारों मंदिर तोड़कर, हमें धर्मनिरपेक्षता पढ़ाते हैं इतने पर भी जाग जाओ तो अच्छा है वरना याद रहे ,जो लड़ा नहीं वो मिट जाता शर्तिया है। #Farce of secularism #France leads by example #jayakikalamse #yqdidi