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“माँ की ममता को तो सब ने ही स्वीकारा है….. पर पिता

“माँ की ममता को तो सब ने ही स्वीकारा है…..
पर पिता की परविरश को कब किसने ललकारा है…!!
मुश्किल की घंडियों में अक्सर मेरे साथ खड़े थे वो…..
मेरी गलतिया थी फिर भी मेरी खातिर लड़े थे वो…!!
कमियों की अहसास मुझको कभी तो हो न पायी ….
कपकपा कर सोते थे, वो मेरे ऊपर थी रजाई ….!!
माँ की गोदी की गर्माहट के बराबर उनकी थपकी….
कंधे उनके बिस्तर, मेरी आंखे हलकी सी जो झपकी….!!
उनके होसलो ने कभी न आँखे नम होने दिए है…..
जितनी थी मेरी जरूरत सबको तो पूरी किया है…!!
उनकी लाड में जो पाया थोड़ी कड़वापन सही ….
मेरी खातिर मुझे डाटा था वही बचपन सही….!!
जिंदगी की दौड़ में अब अपने पैरों पर खड़े ….
उनके जज़्बों की बदौलत मुश्किलों से हम लड़े….!!
सर पे उनका साया जब तक  चिंता न डर है कोई…!!
उनके कंधो की बदौलत बढ़ रही है जिंदगी ……!! #LoveYouDad  Pratima Yogi
“माँ की ममता को तो सब ने ही स्वीकारा है…..
पर पिता की परविरश को कब किसने ललकारा है…!!
मुश्किल की घंडियों में अक्सर मेरे साथ खड़े थे वो…..
मेरी गलतिया थी फिर भी मेरी खातिर लड़े थे वो…!!
कमियों की अहसास मुझको कभी तो हो न पायी ….
कपकपा कर सोते थे, वो मेरे ऊपर थी रजाई ….!!
माँ की गोदी की गर्माहट के बराबर उनकी थपकी….
कंधे उनके बिस्तर, मेरी आंखे हलकी सी जो झपकी….!!
उनके होसलो ने कभी न आँखे नम होने दिए है…..
जितनी थी मेरी जरूरत सबको तो पूरी किया है…!!
उनकी लाड में जो पाया थोड़ी कड़वापन सही ….
मेरी खातिर मुझे डाटा था वही बचपन सही….!!
जिंदगी की दौड़ में अब अपने पैरों पर खड़े ….
उनके जज़्बों की बदौलत मुश्किलों से हम लड़े….!!
सर पे उनका साया जब तक  चिंता न डर है कोई…!!
उनके कंधो की बदौलत बढ़ रही है जिंदगी ……!! #LoveYouDad  Pratima Yogi
ayushityagi9162

Ayu

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