न जाने हम सब की खुशियों में नजर किसकी लग गई वो खुशियाँ अब देखने को नहीं मिलती आज हम सब की नजरें भी नहीं मिल पाती आखिर क्यों ऐसी गलतफहमी हम सबों के बिच में आ गई है झूठ हो या फरेब हो दोस्ती को दुश्मनी में हीं बदल देती है दोस्तों में इसकी कोई जगह नहीं होती है लेकिन गलती भी इन्सानों से होती है बात चित कर सुलझ सकती है दोस्तों के बिच ऐसी गलती हो हीं जाती है बस इतनी सी हीं चाहत है, ये दोस्ती कभी टूटने मत देना, जो कहना सामने ही कह देना सामने वाले लाख बुरा कह जायें, उसकी बातों पे गौर मत करना #kantesh