यहां तो कद्र नहीं अल्फाजों की,अब कुछ जताएं क्या, पल भर का भी प्यार ना दे सके,हम भी मुकर जाएं क्या, कैसे यकीं दिलाएं मुहब्बत बेपनाह करते हैं उन्हें, मालूम नहीं मरतें हैं उन पर कितना,अब सच में मर जाएं क्या । शिवा अधूरा mood kharab