उलझी हुई लफ्जों में अनसुनी एक कहानी रही, मुक़म्मल ना होकर भी कामिल इश्क़ की निशानी रही। खोई थी दरिया के किनारे कभी आरजू कोई, जज्बातों में डूबी हसरतों की जो जुबानी रही। ©Vidushi Mishra दास्तान -ए -इश्क़ #Valentine #ValentineDay #promiseday #musing #missing_someone