Nojoto: Largest Storytelling Platform

साहिल पर धूप बरसती रही सेहरा की रेत तरसती रही आस

साहिल पर धूप बरसती रही 
सेहरा की रेत तरसती रही 
आसमां अब नीला होने लगा था 
समुन्द्र में बहाव बढ़ने लगा था 
लहरें बढ़ी साहिल की ओर 
गरजे बादल हुई वर्षा घनघोर
अब साहिल पर धूप कम होती रही 
और बारिश का आनंद ले सेहरा की रेत 
चहकती रही ॥

©@Rya
  #saahil
rya9885352730912

@ArYa

Silver Star
New Creator

#saahil #Poetry

10,532 Views