मेरे दिल की मूरत हो तुम। बरसों से मैंने, जो तराशा है तुमको। रातों के पहरों में, सोचा है तुमको।। कि वही तो नेमत हो तुम। मेरे दिल की मूरत हो तुम। कभी जो मैं कह दूं, कि रती सी हो तुम तो। नक्शे से भोली, सी सूरत हो तुम तो।। कि बहुत ख़ूबसूरत हो तुम। मेरे दिल की मूरत हो तुम।। हैं नदियों सी हलचल, ये आंखें तुम्हारी। हैं सावन की रातें, ये जुल्फ़ें तुम्हारी।। और आंसू जो आएं, तो चुप मैं करालूं। और अधरों सी प्यासी, ये भौवें तुम्हारी। नज़र से ज़माने की, ख़ुद को बचाना। अमानत हो मेरी, हो मेरा खज़ाना।। कि मेरी विरासत हो तुम। मेरे दिल की मूरत हो तुम।। गुलाबों सी कोमल, हैं अंगुली तुम्हारी। काली घटा सी, हैं नज़रें तुम्हारी।। इश्क़ में तेरे, हैं फिज़ाओं में रंगत। और शबनम से मीठी, हैं बातें तुम्हारी।। कि नज़रें जो फेरों तो रो जाएं बादल। और नज़रों से बोलों तो हो जाएं पागल।। वो सुनहरी रियासत हो तुम। मेरे दिल की मूरत हो तुम।। मेरे दिल की मूरत हो तुम। बहुत ख़ूबसूरत हो तुम।। महकतीं जो कलियों सी मिलती हो अक़्सर। गुनगुनाता हूं गलियों में भौंरों सा अक़्सर।। मुस्कुराती हो तुम जो, रातों में हंसकर। खिल जाता फूलों सा बातों में अक़्सर।। लुटाना जो चाहे, लुटाई ना जाए। दिखाना जो चाहे, दिखाई न जाए।। उन दुआओं की क़िस्मत हो तुम। मेरे दिल की मूरत हो तुम।। मेरे दिल की मूरत हो तुम। बहुत ख़ूबसूरत हो तुम।। ©Shivank Shyamal #hugday #shivanksrivastavashyamal #shivankshyamalquotes