शशि विजयोपरांत भास्कर की बारी है रश्मिरथी की धरती है यह मार्तण्ड पर मुहर लगाने की तैयारी है पथ शूल को समझ फूल चलते रहे अंधेरों में खद्योत सदैव पलते रहे मंगल,चंद्र,मार्तण्ड सब है तेरी ज़द में तेरी ज़िद के आगे नतमस्तक ये सृष्टि सारी है ©कमल यशवंत सिन्हा #chandrayaan3 #aadityayaan #Tilasmani #Kys #India #hindipoetry #hindikavita