काश तुम्हारे शब्दों सा सुंदर तुम्हारा चरित्र भी होता न मैं सिर्फ तुम्हें पढ़ता, तुम्हारा मित्र भी होता काश तुम्हारे शब्दों सा सुंदर तुम्हारा चरित्र भी होता न मैं सिर्फ तुम्हें पढ़ता, तुम्हारा मित्र भी होता