हमने माना हकीकत में तो मुमकिन नहीं, कम से कम ख़्वाबों में तो मिलने आया करो.......... महफ़िल में जब पढ़ते हैं ग़ज़ल तुम्हें देखकर, मेरी तुम जान उस वक्त झूठा तो मुस्कुराया करो...... ©Poet Maddy हमने माना हकीकत में तो मुमकिन नहीं, कम से कम ख़्वाबों में तो मिलने आया करो.......... #Possible#Reality#Meet#Dream#Gazal#Gathering#Love#Smile........