आ रही है याद , फिर एक तो तुम्हारी साथ चाय के तुम्हारे वो दीदार की रवानी , क्या मोह्बत , क्या इश्क़ , वो क्या छायी थी खुमारी , सर्द मौसम में तुम्हारे वो गिरता बालो से पानी , रह गयी है अधूरी , इस जमाने में हमारे इश्क़ की कहानी । ©Manjhi Awasthi #चायकीचुस्की #Rose