नजरों ही नजरों में प्यार हो गया... दिल से दिल का इजहार हो गया... हम छुपाते रहे अपनी मोहब्बत को खामोशियों में, एक ही इशारें में इश्क बदनाम सरे बाजार हो गया।। #लेखनी By वकील साहब शिवम् मिश्रा