Home and Mother अपने माँ-बाप की गर ना सेवा किया, तो जन्म लेना हमारा निराधार है | जो बुढ़ापे की लाठी ना हम बन सके, तो जवानी पे लानत है धिक्कार है || - दीपक गाजीपुरी follow me for #Shayari #poems #quotes