My Bicycle अरे साइकल! मेरी साइकल! मेरी प्यारी प्यारी साइकल! किसी हवाई जहाज़ से कम नहीं थी मेरी प्यारी साइकल! मम्मी की डांट मंज़ूर थी पापा की घुड़की भी, हमको तो चलानी थी बस अपनी प्यारी साइकल! धूप लगे तो भले लगे पर हमको चलानी थी साइकल! चोट लगे तो लगे चाहे गिरे चाहे भिड़ें चाहे रपट पड़ें। गिरना पड़ना टूट फूटना सब मंज़ूर था हमको , किसी दोस्त महबूबा से कम नहीं थी साइकल! कहां गए वो सुनहरे प्यारे प्यारे दिन बचपन के। खाना पीना भूल के हमको जान से प्यारी थी साइकल! अरे साइकल! मेरी साइकल! मेरी प्यारी प्यारी साइकल! हिसाम 04/06/2021 ©Hisamuddeen Khan 'hisam' #WorldBicycleDay2021#merisaikal#bachapan#bachpankedin#childhood#shayari#nojoto#nojotohindi#