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अल्फाज़ लिखें है कुछ दर्द कि स्याही में डुबोकर, कुछ

अल्फाज़ लिखें है कुछ दर्द कि स्याही में डुबोकर, कुछ दर्द पड़ लो, 
संजोया हैं जो रिश्ता दिल से, एतबार ज़रा करलो, 
मंज़िल वही है ज़नाब, तुम्हारी और मेरी.... 
बेशक़ वहाँ तक नहीं कुछ दूर साथ चल लो।

#ATalk✍️ #शमशान
अल्फाज़ लिखें है कुछ दर्द कि स्याही में डुबोकर, कुछ दर्द पड़ लो, 
संजोया हैं जो रिश्ता दिल से, एतबार ज़रा करलो, 
मंज़िल वही है ज़नाब, तुम्हारी और मेरी.... 
बेशक़ वहाँ तक नहीं कुछ दूर साथ चल लो।

#ATalk✍️ #शमशान