हल्की-हल्की सी बारिश की बूंदें, एक हल्का सा अहसास कराती है!! भीग जाता हूँ जब भी मैं बारिश में, यादों को तेरी ओर ताज़ा कर जाती है!! शोर करती है बूंदें ना जाने क्यों, ये भी तेरी तरह नफऱत मुझसे कर जाती है!! एक अलग छुअन सी होती है बूंदों से, तेरी याद ताज़ा करकर शर्मिंदा मुझे कर जाती है!! जब भी कोशिश करूँ मैं कुछ कहने की, लबों को ये मेरे खामोश कर जाती है!! भूलने की लाख कोशिश करूँ मैं, फिर भी ये रुला के चली जाती है ©saru writes #ये_बारिश_बूंदे #saru_writes #saru #Saru✍ #rainfall