दौर ए शायरी के हुजूम में हर शख्स आजकल शायर बन रहा है। मकता,मतला,रदीफ़,काफिया बस इन्ही सबकी बाते कर रहा है।। किसी का वजन बढ़ रहा है और कोई बहर से निकल रहा है दिमाग से लिखने में लगे है दिल से कोई कुछ नहीं लिख रहा है।। #naklishayar