मेरी मेहनत के चिर हरण का सपना तेरा विफल हुआ, मुझपे हस्ती इस जगत जहां में, मै स्वयं ही अपना कृष्णा हुआ।। तू बेशक विपदा का जहर बढ़ा, भर एक सांस पी जाऊंगा, इस पार डूबाएगी मुझको, उस पार निकल जाऊंगा।। या खींच ही ले मुझे जल के तल तक, मोती लेेकर आ जाऊंगा।। यदि है तुझसे जीवन भर रण, रख याद कभी ना भागूंगा। है मेरी भी भिसम प्रतिज्ञा, मरने तक ना हरूंगा।। #marne_tak_na_harunga