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-- अमर गाथा -- देश के बेटे के ऊपर , कुर्बानी का

--  अमर गाथा --

देश के बेटे के ऊपर , कुर्बानी का एक जेवर था ,
मरते दम तक नहीं झुका , वो सूर्यवंशी का तेवर था !
इस तिरंगे की खातिर , नि:श्वास  संघार किया जिसने ,
कथा पुरानी है बलिदानी की , तभी सूर्यवंश में जन्म लिया !
गिरा जहां पर लहू हमारा , वहां शौर्य का तेवर था ,
देश राष्ट्र की खातिर हस्ती मिट गई जिसकी , 
तिरंगे में रची , शहीद की तारीख भी जिंदा है !
देश के ऊपर कुर्बानी की , अमर गाथा अभी जिंदा है ,
मिटा नहीं है शौर्य हमारा कहदो , जो मृत्यु को गले लगा ले वो शहीद अभी जिंदा हैं !
बलिदानी का तेवर, मातृभूमि पर केसरिया का तेवर, अगर कम हों जाएं तो ,
अमर वीरों की कर्मभूमि का, सूर्यवंश की कुर्बानी का, लहू अगर थम जाएं तो ,
प्रताप, भगत, सुभाष बनकर देख लेना , प्रताप बनकर देख लेना..जय हिन्द !!

©KAVI ANDAAZ
  i am proud of the India
kavialfaaz5293

KAVI ANDAAZ

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i am proud of the India #Quotes

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