मेरे येहन की बगावत मुझी से क्यों लफ्ज़ो की नाराजगी फ़क़त मुझी से क्यों तुम तो लहजे ब्याँ करने में माहिर हो छुपाते हो अपनी हालत मुझी से क्यों बात मौत पर जा के ठहर चुकी हैं करतीं हैं धोखे किस्मत मुझी से क्यों मैं तो सब कुछ हार कर चला आया हूँ होतीं हैं रस्म-ए-हिजरत मुझी से क्यों फ़िराक़ दुःख तो जिंदगी भी तमाम देती हैं तो सिर्फ शिकायत मुझी से क्यों ©Prince_firaaq मुझी से क्यो #LostTracks