India quotes आशिकों के बस्ती में, हमारे इश्क का भी इक, दस्तूर निकल चुका था, कब्र कि कवायद नही थी हमें, क्योंकि हमारे जनाजे के लिए भी, अब फूल खिल चुका था, बहोत से लोग हमारे हौसले को, अपने पैमाने से नाप कर, शून्य करने की भूल कर बैठते हैं, कहता हूँ उनसे मैं, आओ कभी तुम, हम अपने रक्त की, गर्मी से तुम्हे रूबरू करायें, जहन में हर वक्त गूंजता, जय हिन्द,वन्दे-मातरम्,भारत माता की जय, कद-पद तो दूर की बात है, आओ कभी तुम, हम तुम्हें अपनें जिगर से मिलायें....!! -Sp"रूपचन्द्र" हमारा जिगर