रैना चंद्र किरन से सुशोभित रैना पल भर को न आए चैना। याद आए पीया की बतिया काटे से न कट रही रतिया। फिरुं मैं इत-उत बनके बाबरी सो रही चैन से सब सखियां। नींद से हुई जाने क्यूं अनबन बरस रही रिमझिम अंखियां। #रैना