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रैना चंद्र किरन से सुशोभित रैना पल भर को न आए चैना

रैना चंद्र किरन से सुशोभित रैना
पल भर को न आए चैना।
याद आए पीया की बतिया
काटे से न कट रही रतिया।

फिरुं मैं इत-उत बनके बाबरी
सो रही चैन से सब सखियां।
नींद से हुई जाने क्यूं अनबन
बरस रही रिमझिम अंखियां। #रैना
रैना चंद्र किरन से सुशोभित रैना
पल भर को न आए चैना।
याद आए पीया की बतिया
काटे से न कट रही रतिया।

फिरुं मैं इत-उत बनके बाबरी
सो रही चैन से सब सखियां।
नींद से हुई जाने क्यूं अनबन
बरस रही रिमझिम अंखियां। #रैना