इतने लोगों के होते हुए भी, भीड़ में वो भूखी थी, बेजुबान थी वोह इसलिए , उस से दूर रोटी थी, अपनी मां को जो रोटी ना खिला सका वह, अनाथ -आश्रम,वृद्धा-आश्रम, जा रोटी खिलता है, फ़िर तस्वीरें खिंचवा के, सोशल मीडिया पे चढ़ाता है, दिखावे की दुनियां है साहब, यहां लोग दिखावा करते हैं, अपनों के होते हुए भी अपने, दो वक़्त की रोटी को तरसते हैं Abhishekism 💕 Follow more such stories on @Nojotoapp @Nojotoapp @abhishekism #abhimantra #poem #poet #quote #poeticatma