बरखा की फुहार रिम झिम बरखा की फुहार मन मे जगी मिलन की आस दिल मे उठी उमंग हजार सजन तुम आन मिलो अब रे। मौसम मस्त मतवाला उठी उर अन्तर मे ज्वाला बहारे करती यही पुकार सजन तुम आन मिलो अब रे। प्यारा पपीहा धुन है सुनाये पियु पियु करके दिल है जलाये पिया जी आन मिलो अब रे सजन तुम आन मिलो अब रे।। नरेशचंद्र"लक्ष्मी" फरीदाबाद हरियाणा। ©Naresh Chandra बरखा की फुहार रिम झिम बरखा की फुहार मन मे जगी मिलन की आस दिल मे उठी उमंग हजार सजन तुम आन मिलो अब रे। मौसम मस्त मतवाला