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"माँ" बे वक़्त खुली आँखों से गुजारा करती है मेरे

"माँ"

 बे वक़्त खुली आँखों से गुजारा करती है

मेरे सपनों के खातिर माँ आज भी खुद को जगाया करती है

(written by-moinkha) #maa
#maa#mummy#mumaa#ammi#amma
"माँ"

 बे वक़्त खुली आँखों से गुजारा करती है

मेरे सपनों के खातिर माँ आज भी खुद को जगाया करती है

(written by-moinkha) #maa
#maa#mummy#mumaa#ammi#amma