हमने भी देखा था ख्वाब किसी के लिए हमने भी खरीदा था गुलाब किसी के लिए लाख कोशिशों के बाद भी हम उन्हें नहीं पाते है जो कल तक हमरे लिए खास थे आज काल करो रोंग नंबर बताते है विनोद वर्मा