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जब आत्म ज्ञान होता है तब अकेलेपन में भी सुकून प्रा

जब आत्म ज्ञान होता है तब अकेलेपन में भी सुकून प्राप्त करने की शक्ति हमें मिलती है
हकीकत क्या है हम सिर्फ हम
हमारे अंदर की वो आत्मा जो हम उदास होते है तब हमारे साथ उदास होती है जब खुश होते है तब हमारे साथ खुश होती है
क्यों की हकीकत में हमारा अपना सिर्फ वो आत्मा है
आत्मा है तो हम है जिस दिन वो छोड़ कर जायेगी
हमारे अपने भी हमें हमारे ही घर से निकालने के लिए व्याकुल हो जायेंगे
हकीकत यही है
फिर भी हम आजीवन रिश्तों के भंवर में उलझे रहते है
मां बाप बेटा बेटी भाई बहन
कोन है ये लोग जिन्होंने कभी कोशिश तक नहीं की हमारे आत्मा संग जुड़ने की रिश्ता बनाया तो केवल हमारे शरीर से
और हम भी जुड़ते चले गए इस झूट से
मोह की दुनियां में खो गए
बचपन में मां बाप का मोह
जवानी में पत्ती पत्नी बच्चों का मोह
बुढ़ापे में छूटते हुए रिश्तों का मोह

लेकिन एक समय ऐसा आता है जब हम अकेले रह जाते है
किसी को जरूरत नहीं होती हमारी
और तब हम सोचते है किस वस्तु को किन रिश्तों को हमने उस वक्त चुन लिया था और अपनी आत्मा से तो रिश्ता ही नहीं बनाया था तभी आज न हमारे वो रिश्ते हमारे साथ है न हम खुद अर्थात हमारी आत्मा

क्यों की हम आत्म ज्ञान कहीं न कहीं प्राप्त ही नहीं कर पाए
और अज्ञानी ही रह गए 
इन झूटे दिखावटी रिश्तों के भंवर में

अकेलेपन से प्रेम करना सीखिए कोशिश कीजिए खुद से जुड़ने की
खुद को जानने की
खुद को पहचानने की

हम केवल हम ही हमारे है
बाकी सब मोह और कुछ नहीं
मोह अस्थायी होती है
खुदको एक शरीर नहीं एक आत्म समझिए
जिस दिन आप आत्म को जान लेंगे उस दिन अकेलेपन से प्रेम हो जायेगा।
सही मायने में उसदीन आत्मज्ञान प्राप्त होगा।
 रीत✍️

©Dr Reet Rao(Reet ki kalam se)
  #आत्मज्ञान
By Reet✍️