शब्दों में तुम्हें जो बाँध सकूँ कभी मिल न सकी , वो डोर हर बार "कमल" यही मुश्किल थी इस पार मैं तुम , उस छोर संगीत कहाँ बचकर तुमसे तुम्हीं हलचल हो , तुम्हीं शोर गायक तो "कमल" देखे है बहुत कोई तुम सा नही किशोर ©Kamal Kumar Sharma #किशोर_कुमार