मेने जो बनाने में गुजारा है तू रहने में बिता दे ये छत आसमाँ से क़ीमती हैं इसे घर बना दे मेरी नजरो की छाप है इन छत,दीवारों पर जब भी थकान हो इनको आईना बना ले जिंदगी मुश्किलो से बहार ,बहुत मुश्किल से निकली तू आसान रास्तों पर एक दिन सोच के बिता दे