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हम ओवैसी को फ़रिश्ता नहीं मानते ... न हम उन्हें मास

हम ओवैसी को फ़रिश्ता नहीं मानते ... न हम उन्हें मासूम और बेगुनाह मानते हैं ।
ओवैसी के आमाल उनके साथ, हमारे आमाल हमारे साथ ...
लेकिन वह इस समय हिंदुस्तान के सबसे बेहतर रहनुमा हैं यह हम जरूर मानते हैं ।

वह जैसे भी है, मुझ से और उनपर भूँकने वाले कुत्तों से हजार दर्जा बेहतर हैं । 

100 की सीधी बात ...

©Farukh Maniyar हम ओवैसी को फ़रिश्ता नहीं मानते ... न हम उन्हें मासूम और बेगुनाह मानते हैं ।
ओवैसी के आमाल उनके साथ, हमारे आमाल हमारे साथ ...
लेकिन वह इस समय हिंदुस्तान के सबसे बेहतर रहनुमा हैं यह हम जरूर मानते हैं ।

वह जैसे भी है, मुझ से और उनपर भूँकने वाले कुत्तों से हजार दर्जा बेहतर हैं । 

100 की सीधी बात ...
हम ओवैसी को फ़रिश्ता नहीं मानते ... न हम उन्हें मासूम और बेगुनाह मानते हैं ।
ओवैसी के आमाल उनके साथ, हमारे आमाल हमारे साथ ...
लेकिन वह इस समय हिंदुस्तान के सबसे बेहतर रहनुमा हैं यह हम जरूर मानते हैं ।

वह जैसे भी है, मुझ से और उनपर भूँकने वाले कुत्तों से हजार दर्जा बेहतर हैं । 

100 की सीधी बात ...

©Farukh Maniyar हम ओवैसी को फ़रिश्ता नहीं मानते ... न हम उन्हें मासूम और बेगुनाह मानते हैं ।
ओवैसी के आमाल उनके साथ, हमारे आमाल हमारे साथ ...
लेकिन वह इस समय हिंदुस्तान के सबसे बेहतर रहनुमा हैं यह हम जरूर मानते हैं ।

वह जैसे भी है, मुझ से और उनपर भूँकने वाले कुत्तों से हजार दर्जा बेहतर हैं । 

100 की सीधी बात ...

हम ओवैसी को फ़रिश्ता नहीं मानते ... न हम उन्हें मासूम और बेगुनाह मानते हैं । ओवैसी के आमाल उनके साथ, हमारे आमाल हमारे साथ ... लेकिन वह इस समय हिंदुस्तान के सबसे बेहतर रहनुमा हैं यह हम जरूर मानते हैं । वह जैसे भी है, मुझ से और उनपर भूँकने वाले कुत्तों से हजार दर्जा बेहतर हैं । 100 की सीधी बात ...