ना जाने क्यों हर बार तुम से मेरा रिश्ता टूट जाता है , ,,फिर ऐसा क्या है हमारे बीच जो फिर से करीब लाता है । ,निश्चय ही ये बंधन इस जन्म का नहीं , ,वरना कोई इतना कष्ट देकर कैसे मलहम भी बन जाता है । तुम लौट कर आओगे, ये मै नहीं मेरा दिल मुझे समझाता है । परेशान था कोई मेरे अंदर मेरे हाल से लेकिन तुम्हारे आते ही मेरा हाल बदल जाता है । तुम्हारा रूप उस मृगमरिचिका जैसा छद्म है जो पास तो दिखता है लेकिन प्यास नहीं बुझाता है। शायद तुम जान चुके हो मेरे इस शाश्वत प्रेम को, इसीलिए तुम्हारा दिल तन्हा होने पर मेरी याद दिलाता है। प्रियंका चौहान शैरिल #प्रेम#प्रियंका# for u