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मुस्कुराती हूं आज कल फिर कमी क्या रह जाती है? शाय

मुस्कुराती हूं आज कल 
फिर कमी क्या रह जाती है?
शायद आज कल सिर्फ मुस्कुराती हूं
खीलखि।लना भूल गई हूं
चांद से बाते आज भी करती हूं
फिर कमी क्या है?
शायद  पहले चांद से तेरे हाथ में
अपना हाथ रख कर वादे करती थी
अब वो चांद उन झूठे वादों की याद दिलाता है
जगती तो पहले भी थी
फिर बदली क्या है?
शायद पहले तेरे लिए जगती थी
अब तेरी वजह से जगती हूं
कुछ तो कमी है तेरे जाने से
सब कुछ है पर अधूरा
है तेरे जाने से #NojotoQuote कुछ कमी सी रहती है
मुस्कुराती हूं आज कल 
फिर कमी क्या रह जाती है?
शायद आज कल सिर्फ मुस्कुराती हूं
खीलखि।लना भूल गई हूं
चांद से बाते आज भी करती हूं
फिर कमी क्या है?
शायद  पहले चांद से तेरे हाथ में
अपना हाथ रख कर वादे करती थी
अब वो चांद उन झूठे वादों की याद दिलाता है
जगती तो पहले भी थी
फिर बदली क्या है?
शायद पहले तेरे लिए जगती थी
अब तेरी वजह से जगती हूं
कुछ तो कमी है तेरे जाने से
सब कुछ है पर अधूरा
है तेरे जाने से #NojotoQuote कुछ कमी सी रहती है
poojaroy8602

pooja roy

New Creator

कुछ कमी सी रहती है