#माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि. सं. 1575 को कबीर साहेब के मगहर से सशरीर सतलोक गमन के समय जो सुगंधित फूल पाए गए थे उनमें से कुछ फूल लाकर काशी में जहाँ कबीर परमेश्वर एक चबूतरे ( चौरा ) पर बैठकर सत्संग किया करते थे वहाँ काशी चौरा नाम से यादगार बनाई गयी। अब वहाँ पर बहुत बड़ा आश्रम बना हुआ है। महगर में दोनों यादगारों के बीच एक साझा द्वार है, आपस में कोई भेदभाव नहीं है।
🍁अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें *"ज्ञान गंगा"*
संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित ये पुस्तक फ्री में प्राप्त करने के लिए लिंक पर जाकर अपनी पूरी जानकारी दें.....⤵️⤵️
⬇️
"𝙂𝙮𝙖𝙣 𝙂𝙖𝙣𝙜𝙖"!!
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfk-9M_gFkNb3FAsMVsWZ-pJH-3Ennx-kOSKvn43h7Y4oElvg/viewform?usp=sf_link
#SaintRampalJi #पौराणिककथा