खुद से ही अब मैं हार गया कोई बचा नही अल्फ़ाज़ नया कैसे करूँ अब बात बयाँ सब कुछ धुंधला सा लगता है मेरे शरीर पर हर कपड़ा मुझको मैला सा लगता है मिलती नही अब राहत मुझको खुद को यू सताने से गलत कहा है उन लोगो ने जो थे बिल्कुल अनजाने से आदत मेरी है खराब मैं बिगड़ा हुआ एक नवाब किया खुद को ही बेनकाब न मांगा कोई भी हिसाब शत्रु की मेरे क्या बिसात खुद ही हुआ मैं जलकर खाक रूह से मेरी ये अटल आस होगा प्रबल अब सर्वनाश होगा प्रबल अब सर्वनाश #सर्वनाश