यादों का कारवां और....... ..मंजिल है गुम, सिमट गई कायनात ऐसे खिला यूँ अंजुम, आज भी याद हैं चेहरे की खिलखिलाती धूप, खिड़की और तुम और सकूं भरा तबस्सुम। ♥️ खिड़की और तुम ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "Done" काॅमेंट करें।