कल सोच रहा था मैं की क्या बोलूंगा तेरे वंदन में तुम तो वह कस्तूरी हो जो इत्र डाल दे चंदन में तुम तो वह मंथित सागर हो जिसने अमृत और कल्प दिए मुझ दिशाहीन को ज्ञान दिया और जीवन को संकल्प दिए दीपक बन कर मैें चाहे इस दुनिया में उजियारा हूं तुम ही हो मेरे दीपशिखा वरना मै भी अंधियारा हूं। #गुरुजी गुरुजी #गुरुजी #gk #kalakaksha #nojotohindi