एक चिड़िया कह रही थी, वो बचपन की बातें..... तेरे आँगन में मैं अपना, छोटासा घर बनातीं थी..... मेरी चरचराहट की, आवाज़ तुम्हे लुभाती थी, क्यो मुझे तुम भुल गयीं हो, क्यो मेरी जगह नहीं तेरे आँगन में .... मेरे छोटे से घरोंदे कि, क्यो अब कदर नहीं तेरे आँगन में.... ये चिडिया कि बातें हैं जो मेरे दिल को लुभाती हैं, मुझे मेरे प्यारे से बचपन की याद दिलाती हैं.... सुप्रभात। चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है, प्रकृति की सहभागी है, हमसे कुछ कहती है... #चिड़िया #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #RakhiJain #yaad #birds