मुखातिब हो रहा हूँ,एक मुद्दत बाद !
हो भी क्यूँ न,आखिर मानसून नोएडा में आ ही गया,बारिशें बेपरवाह हो रही है आजकल,और इंशाल्लाह होती भी रहे,मेरा पसंदीदा मौसम जो है आखिर !
खैर ज़िन्दगी तो रोज़मर्रा की भाँति चल ही रही है,ऊपर वाले की दुआ से,तो चलिए आप सबकी जिज्ञासा को विराम देते हुए बता ही देता हूँ,आज मेरी लेखनी की वजह बने है "चाय वाले चचा"
चचा यूँ तो देखने में किसी साउथ मूवी के विलन की तरह लगे थे,जब पहली दफा मिला मैं इनसे,वैसे कोशिश की है कि इंस्टाग्राम के फ़िल्टर लगा के इनको चमका पायूँ, और थोड़े चमक भी