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ये श्वेत ना जाने मुझसे, इतना क्यों शरमाता है। इक

ये श्वेत ना जाने मुझसे, 
इतना क्यों शरमाता है।
इक पल झांके बादलों से, 
फिर बादलों में छुप जाता है।

तारो के आंचल में रह कर, 
तू इतना क्यों इतराता है। 
करनी नहीं तुझे गर बातें, 
नूर अपना तू चांदनी से
मुझपर क्यों बरसाता है। 
देखे बस तू दूर से, 
छूप बादलों में मुसकाता है।
जब स्नेह नहीं मुझसे हैं तुझको, 
क्यो रातो को मेरी
खिड़की पर यूँ टंग जाता है। 
कह दे 'नेह' की बात ऐ चांद, 
सांझ ढलते ही क्यों तु, 
मुझसे मिलने आता है।  ...नेह निर्मोही🍁🍀

#नेह
#नेह_का_चाँद
#neh
#sukritipandey_neh
#moonlove
#yqdidi
ये श्वेत ना जाने मुझसे, 
इतना क्यों शरमाता है।
इक पल झांके बादलों से, 
फिर बादलों में छुप जाता है।

तारो के आंचल में रह कर, 
तू इतना क्यों इतराता है। 
करनी नहीं तुझे गर बातें, 
नूर अपना तू चांदनी से
मुझपर क्यों बरसाता है। 
देखे बस तू दूर से, 
छूप बादलों में मुसकाता है।
जब स्नेह नहीं मुझसे हैं तुझको, 
क्यो रातो को मेरी
खिड़की पर यूँ टंग जाता है। 
कह दे 'नेह' की बात ऐ चांद, 
सांझ ढलते ही क्यों तु, 
मुझसे मिलने आता है।  ...नेह निर्मोही🍁🍀

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