यादों के झरोखों में तुम्हे बिठाया हैं, यादों को तुम्हारी दिल से लगाया हैं, गुजर जाते है दिन औऱ रात, हर पल हर साये में तुम्हें पाया हैं, तू ही मेरा हमदम तू ही मेरा हमसाया हैं। यादों के झरोखे से वो जो, छन छन करके आती है। वही तेरी यादें मुझको, एक नयी ज़िंदगी दे जाती है।। 👉आइए आज लिखते हैं, कुछ पुरानी यादों को.... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #collabwithकाव्यपथिक