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यूँ तो शिक्षा समाज के लिए वरदान है। वहीं शिक्षित

यूँ तो शिक्षा समाज के लिए वरदान है। 
वहीं शिक्षित व्यक्ति समाज का अभिशाप है।। 
शिक्षा जहाँ  संकीर्णता त्याग कर व्यवहारिकता सिखलाती है। 
वहीं शिक्षित व्यक्ति व्यवहारिकता त्याग
 संकीर्ण होता जाता है।। 
 शिक्षा जहाँ परिसम्मान - मित्रता -सहभागिता का पाठ देती है। 
वहीं  शिक्षित व्यक्ति  तिरस्कार-द्वेष की भावना के साथ स्वार्थी बन जाता है।।। 
यूँ तो शिक्षा समाज के लिए वरदान है। 
वहीं शिक्षित व्यक्ति समाज का अभिशाप है।।

©Afzal Mushtaq #Books शिक्षा वरदान या अभिशाप
यूँ तो शिक्षा समाज के लिए वरदान है। 
वहीं शिक्षित व्यक्ति समाज का अभिशाप है।। 
शिक्षा जहाँ  संकीर्णता त्याग कर व्यवहारिकता सिखलाती है। 
वहीं शिक्षित व्यक्ति व्यवहारिकता त्याग
 संकीर्ण होता जाता है।। 
 शिक्षा जहाँ परिसम्मान - मित्रता -सहभागिता का पाठ देती है। 
वहीं  शिक्षित व्यक्ति  तिरस्कार-द्वेष की भावना के साथ स्वार्थी बन जाता है।।। 
यूँ तो शिक्षा समाज के लिए वरदान है। 
वहीं शिक्षित व्यक्ति समाज का अभिशाप है।।

©Afzal Mushtaq #Books शिक्षा वरदान या अभिशाप

#Books शिक्षा वरदान या अभिशाप