आंँख में आंँसू लिए हँसते गए हम, जिंदगी की जाल में फंँसते गए हम। जो दगा मिलता गया हर मोड़ पर तो, हर डगर डर डर कदम रखते गए हम। दर्द आंँसू के सिवा हमको दिया क्या, प्रश्न उस भगवान से करते गए हम। सोचने से सिर्फ मंजिल कब मिली है, सोंच कर मीलों यही चलते गए हम। इस तरह से मौत ने हमको बुलाया, बांँध कर सर पर कदम बढ़ते गए हम। ज़िन्दगी के जाल में फँस गए हम अपनी चाल में... #ज़िन्दगीकाजाल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ग़ज़ल_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन