एक परिंदे को पंख फैलाकर उड़ने की चाह थी इस इंसानी दुनिया में काटों से भरी उसकी राह थी, पंख फैलाकर वह परिंदा उड़ने को बेताब बैठा था लेकिन हर एक शख्स तीर में कमान लिए बैठा था, खता इतनी सी थी कि एतबार कर लिया उसने इन्सानी जात पर अंत में लिख गई उसके जु़दाई की कहानी हर शाख पर, बाज़ होता तो वह इंसान के लिए दरिंदा बन जाता लेकिन वह तो एक नाजुक मासूम परिंदा ही कहलाया, सांझ होते ही हर शाख उसके इंतजार में थी लेकिन आंख मूंद कर वो हर शाख से रूसवाई कर गया लौटने का वादा कर वो अलविदा कह गया...🐦🖤❣ _khwaish_e_alfaaz ©Jyoti Mishra #parinda #Emotionalhindiquotes #merealfaaz 💕💕💕 #Bird